रांची
अतिथि शिक्षक संघ नेताओं ने आज रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव से मुलाकात की औऱ शिकायत की कि शिक्षकों को गलत तरीके से काम करने से रोका जा रहा है। संघ के संयोजनक डॉ धीरज सिंह सूर्यवंशी ने कहा है कि रांची विश्वविद्यालय द्वारा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के संकल्प का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय में पिछले 7 वर्षों से कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को कार्य करने से रजिस्ट्रार विनोद नारायण के मौखिक आदेश के माध्यम से रोका जा रहा है। जबकि अतिथि शिक्षकों का मामला वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इन अतिथि शिक्षकों को उच्च न्यायालय द्वारा जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है तब तक इनको सेवा से नहीं हटाया जा सकता है। कहा है कि ये उच्च न्यायालय का निर्देश में है। लेकिन रांची विश्वविद्यालय द्वारा इसकी अवहेलना करते हुए विश्वविद्यालय में कार्यरत लगभग 124 अतिथि शिक्षकों को कार्य करने से रोका जा रहा है।
कहा कि ये पूरी तरह से उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना है। संघ के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और रांची विश्वविद्यालय हमारे जीवन से खेल रहा है। संघ के संयोजक डॉक्टर धीरज सिंह सूर्यवंशी ने कहा कि यह शिक्षक विरोधी संकल्प है। उच्च न्यायालय द्वारा त्वरित संज्ञान लेकर संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए। कहा, आज सभी अतिथि शिक्षक रांची विश्वविद्यालय मुख्यालय पहुंचे और सामूहिक रूप से कुल सचिव को उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतिलिपि विभाग में सौंपा है।
बताया कि अतिथि शिक्षकों को पिछले 17 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। अब इन्हें कार्य से रोका जा रहा है। मौके पर डॉक्टर धीरज सिंह सूर्यवंशी, डॉ जमील अख्तर, डॉ आशीष कुमार, शिवकुमार, सौरभ कुमार, कृष्णकांत, डॉ ज्योति डुंगडुंग, डॉ रंजू, राजू हजम, आसिफ अंसारी सरफराज अहमद डॉक्टर ताल्हा नकवी डॉ खातून, डॉ पूनम डॉ चक्षु पाठक, विकास कुमार, डॉ जिज्ञासा ओझा डॉ नाजिश हसन, अंकित शर्मा डॉ आरती, दीपशिखा, सुषमा साहू, डॉ निशा, आदि भारी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।